CC Response to Issues raised by Mr. Abhishek Ranjan Singh, HJ, 2007-08 Batch

Dear IIMCians,
The Central Committee of IIMC Alumni Association deliberated on the issues raised by Mr. Abhishek Ranjan Singh, HJ, 2007-08 Batch in the last meeting on May 4, 2014 at IIMC HQ, New Delhi. 
CC officials had requested him to attend the meeting to discuss the issues but he chose not to attend. Hence all the issues raised by him were discussed in his absence. 
Responses to Mr. Singh's questions are being provided in Hindi as the issues were raised originally in Hindi. 
Alumni with similar questions/ allegations/ queries may consider these responses as an official statement. Responses are open to criticism but not for further conversation.

सवाल 1- ईमका सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत क्यों रजिस्टर्ड हुआ ?
जवाब- 2004 में ईमका के गठन और बाद में 2012 के पुनर्गठन के दौरान यह तय हुआ था कि इसे एक रजिस्टर्ड संगठन बनाया जाएगा. रजिस्ट्रेशन के लिए ट्रस्ट और सोसायटी में एक विकल्प को चुनना था. ट्रस्ट एलुम्नाई एसोसिएशन के लिए अलोकतांत्रिक विकल्प था इसलिए सोसायटी के तौर पर इसे रजिस्टर्ड कराया गया है
सवाल 2- ईमका का दफ्तर डीफेंस कॉलोनी में क्यों ?
जवाब– आईआईएमसी प्रबंधन ने ईमका को संस्थान में दफ्तर के लिए जगह नहीं दी. सोसायटी के तौर पर रजिस्टर कराने के लिए एक दफ्तर अनिवार्य है. इसलिए डीफेंस कॉलोनी में एक किराए की जगह ली गई है जिस पते से ईमका औपचारिक रूप से काम करता है.
सवाल 3- ईमका संविधान सार्वजनिक क्यों नहीं करता ?
जवाब– ईमका का रजिस्ट्रेशन 2004 में बनाए गए संविधान के आधार पर कराया गया है क्योंकि रजिस्ट्रेशन के लिए एक संविधान की जरूरत थी. केंद्रीय समिति ने मई, 2013 की बैठक में तय किया था कि संगठन को स्वरूप लेने में समय लगेगा और उस स्वरूप के हिसाब से संविधान बनाने में थोड़ा समय लगेगा इसलिए पुराने संविधान के आधार पर ही रजिस्ट्रेशन कराया जाए और बाद में जब संविधान बन जाए तो नए संविधान को रजिस्ट्रार के पास अधिसूचित कर दिया जाए. 
पुराने संविधान में चैप्टरों की भूमिका नगण्य थी. उसमें ये नहीं था कि कोई एलुम्नाई लगातार दूसरी बार अध्यक्ष नहीं बनेगा. उसमें ये भी नहीं था कि कोई एलुम्नाई केंद्रीय समिति में पद अदल-बदल कर भी लगातार तीसरा टर्म नहीं रह सकेगा. केंद्रीय समिति संगठन को खड़ा करने और चलाने के दौरान लगातार कई फैसले ले रही है और वो सब संविधान का हिस्सा है. अक्टूबर, 2014 से पहले मौजूदा टीम नया संविधान पेश करके जाएगी. 
केंद्रीय समिति ने तय किया है कि चैप्टर और केंद्रीय समिति के प्रतिनिधियों को मिलाकर नेशनल काउंसिल बनाया जाए जो साल में एक बार मिले. नेशनल काउंसिल पर अब तक पर्याप्त चैप्टरों से मंजूरी नहीं मिली है इसलिए गठन नहीं हो सका है. नेशनल काउंसिल के अस्तित्व में आने के बाद केंद्रीय समिति नीतियों का पालन करने और कराने वाली बॉडी रहेगी. नीतिगत फैसले काउंसिल में होंगे. जब तक काउंसिल नहीं है तब तक केंद्रीय समिति सर्वोच्च है.
सवाल 4- आईआईएमसी के संसाधन का दुरुपयोग करता है ईमका ?
जवाब– आईआईएमसी के एलुम्नाई का संगठन होने के नाते आईआईएमसी प्रशासन की तरफ से संगठन को कुछ सहूलियत मिलती हैं. जैसे सभागार के लिए किराया नहीं लिया जाता है. इसके अलावा आईआईएमसी प्रशासन की तरफ से संगठन को न तो कोई सुविधा दी गई है और न संगठन ने कोई और सुविधा अब तक ली है.
सवाल 5- ईमका छात्रावास की मांग क्यों नहीं करता ?
जवाब– ईमका मौजूदा छात्रों का संगठन नहीं है बल्कि यह पूर्व छात्रों का फोरम है. दूसरी बात कि ईमका न तो कोई छात्र संघ है और न ही कोई मजदूर संघ. ईमका आईआईएमसी के मामलों न रुचि रखता है और न दखल देता है. इसलिए छात्रावास समेत आईआईएमसी से जुड़े सारे मसले ईमका के एजेंडे से बाहर हैं.
सवाल 6- ईमका की बैठक गूंज के दफ्तर में क्यों हुई ?
जवाब– गूंज आईआईएमसी के एलुम्नाई श्री अंशु गुप्ता के द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित एनजीओ है. 23 फरवरी को उनका सालाना कार्यक्रम था और उन्होंने एलुम्नाई एसोसिएशन के सारे पदाधिकारियों को वहां आमंत्रित कर रखा था. टीम के कई लोग वहां जाने वाले थे और ईमका की अपनी मीटिंग भी होनी थी. इसलिए ईमका की बैठक को उस तारीख व उस जगह पर रख लिया गया जहां गूंज के कार्यक्रम के लिए केंद्रीय समिति के सदस्य जाने वाले थे.
Thanks & Regards,
Deepti Gahrotra
Secretary, Communication

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